Kaal chakra: आरोग्यम्

कुंडली में किस ग्रह के खराब प्रभाव से जीवन में क्या असर पड़ता है |
छोटी – छोटी उपायों से ख़राब ग्रहों को कैसे ठीक करे |

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Pineapple ke anokhe gun

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pineapple ke anokhe gun


🍃🍃🍃 *आरोग्यम्* 🍃🍃🍃

*अनानास (Pineapple) -*
अनानास ब्राज़ील का आदिवासी पौधा है। क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1493AD में कैरेबियन द्वीप समूह के ग्वाडेलोप नाम के द्वीप में इसे खोजा था और इसे 'पाइना दी इंडीज' नाम दिया। कोलंबस ने यूरोप में अनानास की खेती की शुरुआत की थी। भारत में अनानास की खेती की शुरुआत पुर्तगालियों ने 1548AD में गोवा से की थी। अनानास की डालियाँ काटकर बोने से उग आती हैं।
अनानास का फल बहुत स्वादिष्ट होता है। इसके कच्चे फल का स्वाद खट्टा तथा पके फल का स्वाद मीठा होता है। इसके फल में थाइमिन, राइबोफ्लेविन, सुक्रोस, ग्लूकोस, कैफीक अम्ल, सिट्रिक अम्ल, कार्बोहाईड्रेट तथा प्रोटीन पाया जाता है। आज हम आपको अनानास के कुछ औषधीय गुणों से अवगत कराएंगे -
✏१- अनानास फल के रस में मुलेठी, बहेड़ा और मिश्री मिलाकर सेवन करने से दमे और खाँसी में लाभ होता है।
✏२- यदि शरीर में खून की कमी हो तो अनानास खाने व रस पीने से बहुत लाभ होता है। इसके सेवन से रक्तवृद्धि होती है और पाचनक्रिया तेज़ होती है।
✏३- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से अजीर्ण दूर होता है।
✏४- अनानास के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें बहेड़ा और छोटी हरड़ का चूर्ण मिलाकर देने से अतिसार और जलोदर में लाभ होता है।
✏५- अनानास के पत्तों के रस में थोड़ा शहद मिलाकर रोज़ २ मिली से १० मिली तक सेवन करने से पेट के कीड़े ख़त्म हो जाते हैं।
✏६- पके हुए अनानास का रस निकालकर उसे रूई में भिगो कर मसूड़ों पर लगाने से दांतों का दर्द ठीक होता है।




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kaise paan dur karega har sankat

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पान  का पता कैसे  बनायागा धनवान



पान का पता कैसे  बनायागा धनवान ? कैसे पान दूर करेगा हर संकट?  चमत्कारी पान के चमत्कारी उपाए |

जब देवी देवताओ दोबारा  समुन्दर मानधन किया गया था
तब भी पान के पते का प्रयोग किया गया था |  इसलिए पान का पता  पूजा पाठ में  i स्तेमाल करते है |
पान खान , दान करना  और  देवी – देवताओ को भेट करना बहुत शुभ फलदायी  होता है |  पान के पते में  अलग अलग  देवी देवताओ का वास भी माना गया है |
पान के समसे निचले हिस्स में माँ  महालछ्मी विराजती है |
 पान के पते के मध्य में माँ  सरस्वती का वास होता है |
पान के उपरी हिस्से में इंद्र और शुक्र का निवास माना जाता है |
कहावत ये है की  आगे लछ्मी  मध्य में आयोर्गाये होता है और बीचे यस और कीर्ति होती है |
पान खाने वाले व्यक्ति की अगला हिशा, बिछला हिसा  और बीच की डंडी निकल देना चाहिए |
इंद्र पराक्रम, शुक्र प्रेम, माँ  सरस्वती सदबूधी, माँ लछमी सम्राध्दी  देती है |  पान में शुव और सूर्य देव का भी वास होता है यहाँ माना चाहता है |
पान शुभता और संपन्नता का प्रतिक है | सुभ कार्य से पहले या पूजा के दोरान  पान के पते के जरिए भगवान का नमन किया  जाता है |
शादी में देरी हो रही है या मनचाहा पत्ति नही मिल पा  रहा है  या  वेवाहिक जीवन में करवाहट बहुत जादा है , तो आप  नवरात्र में  पान में पत्ते पर चंदन और केसर का पाउडर दोनों मिलकर के रखे | और  माँ दिरगा के सामने बैठकर चंडी स्तोत्र का पाठ करे|  पान के पत्ते पर रखे चंदन और केसर पाउडर से  अपने माथे पर तिलक करे|

अगर किसी भी काम को पूरा होने में रूकावटे आ रही है तो  माँ  गुर्गा के मंदिर में पान का बीड़ा चढ़ाए | इस पान में कत्था,  गुलाक्नद, सोंफ, नारियल का बरा और  लौग का जोड़ा रखे | धाय रखे की इस पान में  सुपारी और चुना भुलाक कर के भी न डलवाय |
पान में बम्बकू न डाला जाये तो इस कलुय्ग में आपके लिए बरदान साबित होगा |
कहा जाता है की  कलयुग में  पान लछमी का सवरूप है |
जिनके  जीवन में सुख शान्ति नही है उनको  5 पीपल के पत्ते और 8 पान के पत्ते लाकर के माँ बगलामुखी का ध्यान करते हुए अपने घरकी पूर्व दिशा में कलावे के साथ बांध देना चाहिए |  येसा हर  हफ्ते करे और पुराने पत्तो को नदी में प्रवाहित करे|  

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Pet ki pareshaniyo or sardi khansi kaise dur kare

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हींग


✏1. पेट की परेशानियाँ -
 - चुटकी भर हींग को अपने खाने में दाल व सब्जी के साथ जरुर लें।
 - इसके अलावा चुटकी भर हींग को आधा कप पानी में घोल रोज खाने के बाद पियें।

✏2. सर्दी खांसी -
 - कफ होने पर हींग को पानी में घोल पेस्ट बनायें, अब इसे चेस्ट पर लगायें।
 - इसके अलावा आप चुटकी भर हींग को आधी चम्मच अदरक पाउडर व आधी चम्मच शहद के साथ मिलाएं, इस मिक्सचर को दिन में 3 बार लें, कफ से जुडी सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी।

✏3. सर दर्द मिटाए -
 - चुटकी भर हींग को 1 गिलास पानी में डाल कर गर्म करें, इसे 15 मिनट तक उबलने दें, अब थोड़ा ठंडा कर दिन में कई बार इसे पिएँ।
 - इसके अलावा 1 tsp हींग को कपूर, सूखा अदरक व पीसी काली मिर्च की बराबर मात्रा लेकर मिलाएं। इसमें दूध मिलाकर एक पेस्ट बना लें, अब इस मिक्सचर को सर पर लगायें। इससे टेंशन भी कम होती है व सर दर्द भी चला जाता है।

✏4. दांत दर्द दूर करे -
 - दांत दर्द से तुरंत आराम के लिए हींग का छोटा टुकड़ा लेकर दांत में दबा लें, इससे तुरंत दर्द ठीक हो जायेगा।
 - एक कप पानी में हींग, लोंग डालकर हल्का गर्म करे, अब इससे कुल्ला करें, दांत दर्द ठीक हो जायेगा।
 - इसके अलावा हींग को 2 tsp नीम्बू के रस साथ गर्म करें, इसमें कॉटन डालकर दांत के बीच में रखें।


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blood ki kami ko dur karne ke upaye

03:28 0

*खून की कमी दूर करने के उपाय व घरेलु नुस्खे :-*


✏— हरी सब्जी खूब खाएँ जैसे पालक, हरी मेथी, चौलाई, बथुआ आदि। इसके अतिरिक्त हरे धनिये की चटनी रोज खाये।
✏— अंगूर के मौसम में ताजे अंगूर नियमित खाने से खून की कमी दूर होकर चेहरे पर लाली आ जाती है। अंगूर में मौजूद आयरन तथा कई विटामिन खून की कमी दूर करने में सक्षम होते है।
✏— फालसा, अनार और केला आदि फलों में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। इन फलों का नियमित सेवन करने से रक्त की कमी दूर होती है।
✏— संतरा , पपीता , आम , आंवला, अंजीर, आदि फल रक्तवर्धक होते है। मौसम आने पर इनका सेवन जरूर करें।
✏— विटामिन C आयरन के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है। अतः विटामिन C  किसी भी रूप में अवश्य लें।



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damaa

23:48 0
 दमा:
✏1. लगभग एक ग्राम अदरक के रस को एक ग्राम पानी से सुबह-शाम लेने से दमा और श्वास रोग ठीक हो जाते हैं।
✏2. अदरक के रस में शहद मिलाकर खाने से सभी प्रकार के श्वास, खांसी, जुकाम तथा अरुचि आदि ठीक हो जाते हैं।
✏3. अदरक के रस में कस्तूरी मिलाकर देने से श्वास-रोग ठीक हो जाता है।
✏4. लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जस्ता-भस्म में 6 मिलीलीटर अदरक का रस और 6 ग्राम शहद मिलाकर रोगी को देने से दमा और खांसी दूर हो जाती है।
✏5. अदरक का रस शहद के साथ खाने से बुढ़ापे में होने वाला दमा ठीक हो जाता है।
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Gaajar khane ke phaayade

11:48
गाजर खाने के फायदे 
✏1) गाजर का जूस हमारे शरीर में विटामिन A की कमी को दूर करता है। इसकी कमी से आँखों की बीमारियाँ, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना आदि होतें हैं। विटामिन A हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
✏2) गाजर का जूस हमारी आँखों की रौशनी को बढ़ाता है।
✏3) जिन लोगो की सेक्स प्रणाली में कमी होती है उन लोगो के लिए ये गाजर का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है।
✏4) चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर फेफड़ो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है।
✏5) गर्भवती महिला के लिए ये जूस बहुत फायदेमंद है। इसको पीने से उसका आने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा होता है।
✏6) गाजर का जूस दिल के रोगियों को बहुत फायदा पहुँचाता है।
✏7) गाजर हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
✏8) गाजर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है।

*समाज सुधारक के रूप में डा. अम्बेडकर*
-डा. कृष्ण गोपाल सहसरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
*डा. अम्बेडकर ऐसे दृढ़ प्रतिज्ञ व्यक्ति थे जिन्होंने अपने बाल्यकाल से लेकर संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष पद तक इन भेदभावों को स्वयं झेला। अपमान और तिरस्कार की पीड़ा ने अनेक बार उनके हृदय के अन्तरतम को झकझोर कर रख दिया था।*
अपने करोड़ों बन्धुओं के दु:ख को देखकर वे दृढ़ होते चले गये। 'अपना यह जीवन इन्हीं पीड़ित मानवजनों के दु:खों को दूर करने में ही लगा दूंगा' यह संकल्प दिन प्रतिदिन और अधिक मजबूत होता चला गया।
*भौतिक सुखों की चाह, उच्च पद प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत प्रतिष्ठा, परिवार आदि का मोह भी उन्हें इस मार्ग से कभी विचलित न कर सका। इसी कारण जब आवश्यकता पड़ी तब वे केन्द्रीय मंत्री का प्रतिष्ठित पद छोड़कर नेहरू जी के मंत्रिमंडल से बाहर आ गये।*
हैदराबाद के निजाम तथा वैटिकन सिटी के पोप द्वारा अकूत सम्पत्ति का निवेदन भी उन्हें उनके मार्ग से भ्रमित न कर सका और वे निरन्तर अपने सुनिश्चित मार्ग पर चलते रहे जिसके द्वारा करोड़ों अस्पृश्य बन्धुओं को सम्मानित जीवन प्राप्त करवा सकें।
*आन्दोलनकारी समाज सुधारक*
डा. अम्बेडकर जी के जीवन में एक महत्वपूर्ण बात हमको दिखलाई देती है वह यह है कि वे पुरानी सभी मान्यताओं, आदर्शों और व्यवस्थाओं को ध्वस्त करना नहीं चाहते तथा किसी जाति या वर्ण के वे शत्रु नहीं हैं, *जो अच्छा है वह संभालकर रखना और जो अनावश्यक है उसे हटाना ही उन्हें अभीष्ट है।*
*इस दृष्टि से वे एक 'आन्दोलनकारी' हैं।*
डा. अम्बेडकर यह जानते थे कि भारतीय दर्शन के मौलिक तत्व बहुत उदात्त हैं। किन्तु, विकृतियों, रूढ़ियों, ढोंग, पाखण्ड, कर्मकाण्डों एवं परंपराओं का अनावश्यक अतिरेक, जिसने उस समस्त दर्शन जो सभी मनुष्यों को समान मानता है तथा करुणा, प्रेम, ममता, बन्धुत्व, दया, क्षमा, श्रद्धा आदि सद्गुणों का सन्देश देता है एवं *उसका संरक्षण भी करता है, को ढंक लिया है, वही हमारे परिवर्तन का मूलाधार बना रहे।*
*सुधारवादी आन्दोलन को चलाते समय हर क्षण यह बात स्मरण रखनी होगी कि यदि किसी भी कारण से आपसी प्रेम, ममता और बन्धुत्व का भाव समाप्त हो गया तो परिवर्तन का यह संघर्ष एक क्रूर वैमनस्य में बदलकर अधिकतम अधिकारों को पाने की इच्छा रखने वाले गृहयुद्ध में बदल जायेगा।*
अत: वे कहते थे कि हम यह बात ध्यान में रखें कि हमारे देश में सभी सद्गुणों का दाता, 'धर्म' है। इस 'धर्म' को अपने विशुद्ध रूप में पुनर्स्थापित करना है। ढोंग, पाखण्ड, भेदभाव, कर्मकाण्ड आदि के परे 'धर्म' में अन्तनिर्हित महान सद्गुणों को संरक्षित करते हुए हमें आगे बढ़ना है।
*कुछ लोग कहते हैं कि धर्म की मानव जीवन में कोई आवश्यकता नहीं है। डा. अम्बेडकर लोगों के इस मत से सहमत नहीं थे।*
उन्होंने कहा- ' *कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए अनिवार्य नहीं है, मैं इस दृष्टिकोण को नहीं मानता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन तथा व्यवहार के लिए अनिवार्य मानता हूं*।'
   
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