पान का पता कैसे बनायागा धनवान ? कैसे पान दूर करेगा हर संकट? चमत्कारी पान के चमत्कारी उपाए |
जब देवी देवताओ दोबारा समुन्दर मानधन किया गया थातब भी पान के पते का प्रयोग किया गया था | इसलिए पान का पता पूजा पाठ में i स्तेमाल करते है |
पान खान , दान करना और देवी – देवताओ को भेट करना बहुत शुभ फलदायी होता है | पान के पते में अलग अलग देवी देवताओ का वास भी माना गया है |
पान के समसे निचले हिस्स में माँ महालछ्मी विराजती है |
पान के पते के मध्य में माँ सरस्वती का वास होता है |
पान के उपरी हिस्से में इंद्र और शुक्र का निवास माना जाता है |
कहावत ये है की आगे लछ्मी मध्य में आयोर्गाये होता है और बीचे यस और कीर्ति होती है |
पान खाने वाले व्यक्ति की अगला हिशा, बिछला हिसा और बीच की डंडी निकल देना चाहिए |
इंद्र पराक्रम, शुक्र प्रेम, माँ सरस्वती सदबूधी, माँ लछमी सम्राध्दी देती है | पान में शुव और सूर्य देव का भी वास होता है यहाँ माना चाहता है |
पान शुभता और संपन्नता का प्रतिक है | सुभ कार्य से पहले या पूजा के दोरान पान के पते के जरिए भगवान का नमन किया जाता है |
अगर किसी भी काम को पूरा होने में रूकावटे आ रही है तो माँ गुर्गा के मंदिर में पान का बीड़ा चढ़ाए | इस पान में कत्था, गुलाक्नद, सोंफ, नारियल का बरा और लौग का जोड़ा रखे | धाय रखे की इस पान में सुपारी और चुना भुलाक कर के भी न डलवाय |
पान में बम्बकू न डाला जाये तो इस कलुय्ग में आपके लिए बरदान साबित होगा |
कहा जाता है की कलयुग में पान लछमी का सवरूप है |
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