Kaal chakra: जानीये आटे के असरदार उपाए

कुंडली में किस ग्रह के खराब प्रभाव से जीवन में क्या असर पड़ता है |
छोटी – छोटी उपायों से ख़राब ग्रहों को कैसे ठीक करे |

Post Top Ad

Showing posts with label जानीये आटे के असरदार उपाए. Show all posts
Showing posts with label जानीये आटे के असरदार उपाए. Show all posts

janiye aate ke asardar upaye

15:44 0

जानीये आटे के असरदार उपाए   

 

आटा येसा जिस है जो हर घर में मिल ही जायगा | तो कैसे  आटे का सही उपयोग करे |

जिस आटे का  उपयोग खाने में करते है  वोही आटा आपके लिए कितना लाभकारी है आपके लिए क्या आप जानते है |   

व्यक्ति की  सबसे जरुरी जिस  दो है रहने के लिए घर और खाने के लिए भोजन |

पुरानी  संपति हाथ से जा रही है तो  आपको चाहिए की हर रोज   मच्छलियो  को आटे की  गोली जरुर खिलाये |  परिवार में शुख समृधि नही  है |

 संतान शुक  नही है | और बिनरी भी पिचा नही छोर रही है  तो सोमबार को आटे के 11 शिवलिंग बनाकर के उनकी  पूजा करे किसी पवित्र नदी में बिस्र्जित कर दे |  

मांगली दोस के करण विवाह  में देरी हो रही है  तो मंगलबर को  बंदरो और कुत्तो को आटे और गुड़ से बनी हुआ मीठी रोटी खिलने से मंगलदोष का प्रभाव कमजोर हो जाता है | और जो विवाह में रुकावटहोती है वो दूर हो जाती है |

कुंडली में रहू केतु की स्थिति अच्छी नही है तो जीवन नरक जैसा हो जाता है | भगवान कृषण के  की पूजा करिए | जिन घर में  मोर पंख रखा होता है उस घर को न तो नाराज लगती है और न ही काल जादू का असर होता है |



उड़द के आटे का सर्प मनाकर के काले दिल की दो आखे बना कर के पूजा की जाये तो 1 साल तक और उसके बाद उसे नदी में प्रवाहित कर दे | तो आपके संतान के अन्दर बीमारी  दूर होगी |

परिवार पर आर्थिक  संकट  आ गया है  तो  हर मगंलबर को हनुमान जी के सामने आटे का दीपक बनाकर उसमे ज्योति जगाए शाम को  |

छुटी दिवाली के दिन आटे का दीपक जलने से माँ lakchhami की किरपा मिलती है और अकाल मृतु का भावये नही रहता है |

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको हर आमवस्या को चावल की खीर बनाइये | और रोटी के छोटे-छोटे  टुकारो को डाल कर अपने घर के  छत पर कावा के लिए रख दीजिये |

 

आकर चन्द्रमा कंजोर है आपके कुंडली में तो मछलियों को आटे की गोलिया खिलाये |

किस दिन और किस्से  मीठी रोटी खिलने से दूर होती है मंगलीदोष

बहुत कोशिशो के बाद भी पैसा घर में नही रुकता है  तो  सोमबार या शनिबार को  थोड़े  से गेहू में 11 तुलसी के पते और 2 केसर के डेन पिसवा ले |  बाद में पुरे आटे में मिला लीजिये |  इस आटे की बनी  रोटी हर रोज खाने से घर में बरकत होगी |  मगली दोष को दूर करने के लिए जो लोग बर बर  दुर्घनाओ का शिकार पर रहा है | जिन लोगो के जीवन में मंगल दोष के कारण कलेश ज्यादा है उनको  मगलबर को तंदूर में आटे की मीठी रोटी बनाकर दान करनी चहिये |

 

आर्थिक स्थिति  सही करने के लिए आटे का दीपक बनाकर  पीपल के पेड़ के निचे सरसों का देल डाल करके   शनिबार  के शाम को  जलना चाहिए | और साथही पीपल के पड़े की 7 परिकरमा करनी चाहिए |

 


Read More

Gaajar khane ke phaayade

11:48
गाजर खाने के फायदे 
✏1) गाजर का जूस हमारे शरीर में विटामिन A की कमी को दूर करता है। इसकी कमी से आँखों की बीमारियाँ, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना आदि होतें हैं। विटामिन A हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
✏2) गाजर का जूस हमारी आँखों की रौशनी को बढ़ाता है।
✏3) जिन लोगो की सेक्स प्रणाली में कमी होती है उन लोगो के लिए ये गाजर का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है।
✏4) चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर फेफड़ो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है।
✏5) गर्भवती महिला के लिए ये जूस बहुत फायदेमंद है। इसको पीने से उसका आने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा होता है।
✏6) गाजर का जूस दिल के रोगियों को बहुत फायदा पहुँचाता है।
✏7) गाजर हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
✏8) गाजर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है।

*समाज सुधारक के रूप में डा. अम्बेडकर*
-डा. कृष्ण गोपाल सहसरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
*डा. अम्बेडकर ऐसे दृढ़ प्रतिज्ञ व्यक्ति थे जिन्होंने अपने बाल्यकाल से लेकर संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष पद तक इन भेदभावों को स्वयं झेला। अपमान और तिरस्कार की पीड़ा ने अनेक बार उनके हृदय के अन्तरतम को झकझोर कर रख दिया था।*
अपने करोड़ों बन्धुओं के दु:ख को देखकर वे दृढ़ होते चले गये। 'अपना यह जीवन इन्हीं पीड़ित मानवजनों के दु:खों को दूर करने में ही लगा दूंगा' यह संकल्प दिन प्रतिदिन और अधिक मजबूत होता चला गया।
*भौतिक सुखों की चाह, उच्च पद प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत प्रतिष्ठा, परिवार आदि का मोह भी उन्हें इस मार्ग से कभी विचलित न कर सका। इसी कारण जब आवश्यकता पड़ी तब वे केन्द्रीय मंत्री का प्रतिष्ठित पद छोड़कर नेहरू जी के मंत्रिमंडल से बाहर आ गये।*
हैदराबाद के निजाम तथा वैटिकन सिटी के पोप द्वारा अकूत सम्पत्ति का निवेदन भी उन्हें उनके मार्ग से भ्रमित न कर सका और वे निरन्तर अपने सुनिश्चित मार्ग पर चलते रहे जिसके द्वारा करोड़ों अस्पृश्य बन्धुओं को सम्मानित जीवन प्राप्त करवा सकें।
*आन्दोलनकारी समाज सुधारक*
डा. अम्बेडकर जी के जीवन में एक महत्वपूर्ण बात हमको दिखलाई देती है वह यह है कि वे पुरानी सभी मान्यताओं, आदर्शों और व्यवस्थाओं को ध्वस्त करना नहीं चाहते तथा किसी जाति या वर्ण के वे शत्रु नहीं हैं, *जो अच्छा है वह संभालकर रखना और जो अनावश्यक है उसे हटाना ही उन्हें अभीष्ट है।*
*इस दृष्टि से वे एक 'आन्दोलनकारी' हैं।*
डा. अम्बेडकर यह जानते थे कि भारतीय दर्शन के मौलिक तत्व बहुत उदात्त हैं। किन्तु, विकृतियों, रूढ़ियों, ढोंग, पाखण्ड, कर्मकाण्डों एवं परंपराओं का अनावश्यक अतिरेक, जिसने उस समस्त दर्शन जो सभी मनुष्यों को समान मानता है तथा करुणा, प्रेम, ममता, बन्धुत्व, दया, क्षमा, श्रद्धा आदि सद्गुणों का सन्देश देता है एवं *उसका संरक्षण भी करता है, को ढंक लिया है, वही हमारे परिवर्तन का मूलाधार बना रहे।*
*सुधारवादी आन्दोलन को चलाते समय हर क्षण यह बात स्मरण रखनी होगी कि यदि किसी भी कारण से आपसी प्रेम, ममता और बन्धुत्व का भाव समाप्त हो गया तो परिवर्तन का यह संघर्ष एक क्रूर वैमनस्य में बदलकर अधिकतम अधिकारों को पाने की इच्छा रखने वाले गृहयुद्ध में बदल जायेगा।*
अत: वे कहते थे कि हम यह बात ध्यान में रखें कि हमारे देश में सभी सद्गुणों का दाता, 'धर्म' है। इस 'धर्म' को अपने विशुद्ध रूप में पुनर्स्थापित करना है। ढोंग, पाखण्ड, भेदभाव, कर्मकाण्ड आदि के परे 'धर्म' में अन्तनिर्हित महान सद्गुणों को संरक्षित करते हुए हमें आगे बढ़ना है।
*कुछ लोग कहते हैं कि धर्म की मानव जीवन में कोई आवश्यकता नहीं है। डा. अम्बेडकर लोगों के इस मत से सहमत नहीं थे।*
उन्होंने कहा- ' *कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए अनिवार्य नहीं है, मैं इस दृष्टिकोण को नहीं मानता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन तथा व्यवहार के लिए अनिवार्य मानता हूं*।'
   
Read More