Kaal chakra

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कुंडली में किस ग्रह के खराब प्रभाव से जीवन में क्या असर पड़ता है |
छोटी – छोटी उपायों से ख़राब ग्रहों को कैसे ठीक करे |

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राम नवमी कब की है ।

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राम नवमी कब है 2023 में 

2023 में राम नवमी 30 मार्च को मनाया जायेगा । 

राम नवमी क्यों मनाया जाता है ? 

राम नवमी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो हर साल चैत्र माह के नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार प्रभु श्री राम की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म के एक महानायक थे।

राम नवमी के दिन लोग पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, व्रत और धार्मिक कार्यक्रम करते हैं। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर भगवान राम की मूर्ति का दर्शन करते हैं और भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं।

इस त्योहार के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं, जैसे कि हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान राम ने मां सीता के साथ मिलकर अयोध्या की वापसी की थी, जिससे यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग राम कथा सुनते हैं और भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करते हुए उनका ध्यान रखते हैं।

इस व्रत में लोग सुबह उठकर नहाते हैं और पवित्र स्थल पर जाकर भगवान राम के लिए पूजा अर्चना करते हैं। उन्हें धूप, दीप, फूल और नैवेद्य चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद व्रती लोग फल, मिष्ठान, और खीर जैसी मीठी चीजें खाते हैं जो उनके व्रत के अनुसार तैयार की जाती हैं। व्रत के दौरान लोग शुद्ध और सत्विक आहार लेते हैं और अन्य अल्कोहलिक द्रव्यों से दूर रहते हैं।

राम नवमी का उत्सव भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। उत्तर भारत में, लोग रामलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें भगवान राम की कहानी का नाटक दिखाया जाता है। वहीं, दक्षिण भारत में रंगोली बनाई जाती है और मंदिरों में भगवान राम की मूर्ति की सजावट की जाती है।

राम नवमी स्टेटस

जय श्री राम! राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं। यहाँ कुछ राम नवमी स्टेटस दिए गए हैं जो आप अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं:

राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान राम आपके जीवन में खुशी, समृद्धि और सफलता लाएं।

आज राम नवमी के दिन, भगवान राम आपके घर में सुख और शांति लाएं। जय श्री राम!

राम नाम का जप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस राम नवमी पर, भगवान राम आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।

भगवान राम आपको और आपके परिवार को धन, धान्य, समृद्धि और सुखी जीवन प्रदान करें। राम नवमी की शुभकामनाएं।

जय श्री राम! आज के दिन, हम सभी भगवान राम की जयंती मनाते हैं। यह स्पेशल दिन आपके जीवन में खुशी, समृद्धि और सफलता लाएं।

इस राम नवमी पर, भगवान राम आपको और आपके परिवार को उत्तम स्वास्थ्य, खुशी और शांति प्रदान करें।
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होली का इतिहास

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होली भारत में एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के अलावा दुनिया भर के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है।

होली का इतिहास बहुत ही विस्तृत है और इसके पीछे अनेक कथाएं हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं निम्नलिखित हैं:

हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद: इस कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान विष्णु के भक्त बनने से रोकने के लिए कई प्रयास करते हैं। उन्होंने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ एक आग के भीतर बैठा दिया था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ था, जबकि होलिका आग में जलकर मर गई थी। इसी कथा के आधार पर होली का त्योहार मनाया जाता है और होलिका दहन किया जाता है।


रासलीला: यह कथा भगवान कृष्ण के संबंध में है, जो गोपियों के साथ रासलीला खेलते हैं। इस कथा के आधार पर होली का रंगों से खेलने का रिवाज होता है ।

पूतना वध: यह कथा भगवान कृष्ण के बचपन की है। इस कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण के नन्हे-मुन्ने साथियों को पूतना नाम की दैत्यनी दूध पिलाने के लिए भेजी गई थी। भगवान कृष्ण ने उसे मार डाला था। इस कथा के आधार पर होली में भी पूतना वध का नाटक दिखाया जाता है।


लोहड़ी और होली: इस कथा के अनुसार, होली का त्योहार रुलाई और लोहड़ी के त्योहार से जुड़ा हुआ है। लोहड़ी त्योहार के दिन लोग अपने खेतों की फसल का धन्यवाद देते हैं। होली के त्योहार में लोग अपनी आग बुझाते हैं और रंगों से खेलते हैं।


महाभारत: इस कथा के अनुसार, प्रह्लाद की कथा के साथ-साथ होली त्योहार में भी महाभारत से जुड़ी कुछ कथाएं होती हैं। इसमें द्रौपदी के वस्त्रों के रंगों से खेलने वाली कथा बहुत प्रसिद्ध है ।


होलिका दहन: होलिका दहन होली के त्योहार से पहले रात्रि में मनाया जाता है। इस दिन लोग होलिका बनाते हैं और उसे आग में जलाते हैं। यह प्रथा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है और होली के त्योहार का पूर्वांग है।


होली और कृष्ण लीला: होली त्योहार भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। इस त्योहार के दौरान भगवान कृष्ण और उनके साथियों ने गोपियों के साथ खेलते हुए रंगों से खेला था।


होली और माथुरा: माथुरा होली का सबसे अधिक प्रसिद्ध स्थान है। माथुरा में होली के त्योहार को एक अलग ही अंदाज में मनाया जाता है। यहां पर लोग होली के त्योहार के लिए बड़ी संख्या में आते हैं और खास तौर पर बांसुरी और ढोल की धुन पर नाचते हैं।


होली की खास डिशें: होली के त्योहार में भारत के विभिन्न राज्यों में खास खाने की डिशें बनाई जाती हैं। जैसे कि मथुरा के गुलाब जामुन, बिहार का खट्टा मीठा, राजस्थान का घेवर और गुजरात


होली और बॉलीवुड: होली त्योहार के दौरान बॉलीवुड के कुछ पॉपुलर गाने बजाए जाते हैं। इन गानों में नए फिल्मों के संगीत भी शामिल होते हैं। लोग होली के त्योहार के दौरान इन गानों पर नाचते हैं।


होली और गुजरात: होली के त्योहार के दौरान गुजरात में लोगों के बीच एक खास प्रकार का नृत्य होता है जो दांडिया रास कहलाता है। इसमें लोगों के बीच नृत्य के बीच दांडिये उठाए जाते हैं।


होली और पौष मेला: होली के त्योहार के दौरान उत्तराखंड में पौष मेला भी मनाया जाता है। इस मेले में लोगों के बीच खास प्रकार के नृत्य और गीत बजाए जाते हैं।


होली का अंतिम दिन: होली के त्योहार का अंतिम दिन रंग पंचमी कहलाता है। इस दिन लोग एक दूसरे के चेहरे पर रंग डालते हैं और एक दूसरे के साथ खेलते हैं।


होली विवाद: होली के त्योहार के बावजूद यह कुछ विवादों का भी सामने आया है। कुछ लोग इस त्योहार 

होली और सामाजिक समरसता: होली के त्योहार में लोगों के बीच सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग एक दूसरे के साथ मिल जुलकर मनाते हैं और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं।

होली और स्त्रियों की सुरक्षा: होली के त्योहार के दौरान लोग अपने उत्साह के चलते अक्सर स्त्रियों को परेशान करते हैं। हालांकि यह बहुत बुरा होता है, इसलिए लोगों को सुरक्षित रहना चाहिए और दूसरों की आवाज में स्त्रियों की सुरक्षा के लिए उठना चाहिए।

होली और खाना: होली के त्योहार के दौरान लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हैं। इनमें थंडाई, गुजिया, मालपुए आदि शामिल होते हैं।

होली और धर्म: होली के त्योहार को धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग अपनी पूजाओं करते हैं और धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।



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about dussehra festival in hindi

17:02 0

  dussehra festival - 04 october 2022
दशहरा (विजयदशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है।अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है।
भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।

 इसीलिये इस दशमी को "विजयादशमी" के नाम से जाना जाता है (दशहरा = दशहोरा = दसवीं तिथि)। दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा।

इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं (जैसे अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, बीज बोना आदि)। ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों-काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।

 

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About diwali information in hindi

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diwali greetings


दीवाली या दीपावली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। तमसो मा ज्योतिर्गमयअर्थात् अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइएयह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं  तथा सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस (en:Bandi Chhor Divas) के रूप में मनाता है।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।  अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लसित था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। 

यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।
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दीपावली का महत्त्व 


दीपावली नेपाल और भारत में सबसे सुखद छुट्टियों में से एक है। लोग अपने घरों को साफ कर उन्हें उत्सव के लिए सजाते हैं। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है।
दीपावली नेपाल और भारत में सबसे बड़े शॉपिंग सीजन में से एक है; इस दौरान लोग कारें और सोने के गहनों के रूप में भी महंगे आइटम तथा स्वयं और अपने परिवारों के लिए कपड़े, उपहार, उपकरणों, रसोई के बर्तन आदि खरीदते हैं। लोगों अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को उपहार स्वरुप आम तौर पर मिठाइयाँ व सूखे मेवे देते हैं। इस दिन बच्चे अपने माता-पिता और बड़ों से अच्छाई और बुराई या प्रकाश और अंधेरे के बीच लड़ाई के बारे में प्राचीन कहानियों, कथाओं, मिथकों के बारे में सुनते हैं। इस दौरान लड़कियाँ और महिलाऐं खरीदारी के लिए जाती हैं और फर्श, दरवाजे के पास और रास्तों पर रंगोली और अन्य रचनात्मक पैटर्न बनाती हैं। युवा और वयस्क आतिशबाजी और प्रकाश व्यवस्था में एक दूसरे की सहायता करते हैं।

क्षेत्रीय आधार पर प्रथाओं और रीति-रिवाजों में बदलाव पाया जाता है। धन और समृद्धि की देवी - लक्ष्मी या एक से अधिक देवताओं की पूजा की जाती है। दीवाली की रात को, आतिशबाजी आसमान को रोशन कर देती है। बाद में, परिवार के सदस्यों और आमंत्रित दोस्त भोजन और मिठायों के साथ रात को मनाते हैं।


दीपावली का आर्थिक महत्त्व


दीवाली का त्यौहार भारत में एक प्रमुख खरीदारी की अवधि का प्रतीक है। उपभोक्ता खरीद और आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में दीवाली, पश्चिम में क्रिसमस के बराबर है। यह पर्व नए कपड़े, घर के सामान, उपहार, सोने और अन्य बड़ी खरीददारी का समय है। इस त्योहार पर खर्च और खरीद को शुभ माना जाता है क्योंकि लक्ष्मी को, धन, समृद्धि, और निवेश की देवी माना जाता है। दीवाली भारत में सोने और गहने की खरीद का सबसे बड़ा सीजन है।  मिठाई, कैंडी और आतिशबाजी की खरीद भी इस दौरान अपने चरम सीमा पर रहती है। प्रत्येक वर्ष दीवाली के दौरान पांच हज़ार करोड़ रुपए के पटाखों अदि की खपत होती है।

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शुभ दीपावली
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chaitra navaratri 2023 me maa durge ka tilak kaise karna chahiye | नवरात्र का तिलक बदलेगा तक़दीर

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नवरात्र  का तिलक  बदलेगा तक़दीर

 

कैसे आपको नवरात्र का तिलक आपको सरकारी नौकरी दिलायगा | कैसे आपके करियर को सफल बनेगा नवरात्र का तिलक  |कैसे बदलेगी आपकी तकदीर |  आज आपको बनाने वाला हु |

हर दिन माँ दुर्गा की पूजा करने से पहले  उनको तिलक लगते है |  क्या महत्व है माँ गुर्गा को तिलक लगाने का  क्या आप जानते है |  

सरकारी नौकरी पाने के लिए या सरकारी नौकरी में रहते हु तरकी पाने के लिए माँ  दुर्गा को सिंदूर दूध , दही  और मिश्री मिलकर के तिलक लगाये |  तिलक अनामिका अगुली ले लगाना चाहिए |  तिलक लगाकर माँ को लाल फूलो की माला  और इत्र चढ़ाए  |  नवरात्र में हर रोज ललिता सहस्रनाम का पाठ करे |  नवरात्र में हर रोज छोटी कन्याओ की खीर खिलाइए  और उनका पैर छू कर के आसिरबाद जरुर लीजिये |  

 

सरकारी नौकरी पाने के लिए

  जो लोग मेडिकल फील्ड  से जो लोग जुड़े है उनको क्या कारना चाहिए  इस नवरात्र पर |  इस फील्ड के लोगो को चन्द्रमा फील्ड  के प्रभाव से उसके आजीवका के बारे  में मालूम चल जायगा की कितना अच्छा है |

 इस फील्ड के लोगो को चाहिए की 5 तरह के डालो को पीसकर  उसमे  गुड़ और चावल मिलकर माँ दुर्गा को तिलक लगाये | और माँ को सफेद वस्त्र  और बर्फी  अर्पित करे |  घर में देवी यंत्र स्थापित करके तारा कवच का पाठ पुरे नवरात्र करे | गाय को हरे चारा और मूंग खिलाये | किन्नरों को सुपारी दान करे |

 

जो लोगो इजीनियरिंग  फील्ड से जुड़े है उनको कैसे तिलक करना चाहिए माँ को |  इस फील्ड में सफलता और तरकी के लिए  हल्दी पाउडर और  चावल में  थोडा सा गन्ने का रस मिलकर  के माँ दुर्गे को  अनामिका और अगुठे उगली से एक साथ तिलक लगाये |  तो आपके लिए ये बरदान सबी होगा | नवरात्र में सफेद  मिठाई का दान करने से शुभ फल मिलेगा |  इस फील्ड के लोगो को चाहिए की पुरे नवरात्र माँ  ‎लक्ष्मी  सहस्रनाम का पाठ करे |

 

  जो लोग राजनीती में सफलता पाना चाहते है |  देखिये आकार हम दुनिया को नही समज पाए तो कोई बात नही लेकिन  अपने को नही समज पाए  इससे  बड़ी आह्चार्च की बात हो ही नही सकती है |  इसलिए कर रहा हु की दुनिया को समजने में कर सकता है |  आप राजनीती के लायक है की नही ये बात अपने आप से पुच ले उसके बाद ही  इस फिल्ड में जाये | राजनीती में सफलता पाने के लिए  हल्दी, कपूर  , और लौग का चूर्ण मिलकर माँ दुर्गा को तिलक लगाए |  तिलक लगाकर 21 लाल चूड़ीया और  2 जोड़े चांदी  की  बिछिया  माँ के मंदिर से समर्पित करे |  माँ दुर्गा को गुलाब के फूल और मोगरे का इत्र भी चड़ाए |  नवरात्र में पूजा करते समये  माँ दुर्गा के मंत्रो का जब जरुर करे |

 

 

जो लोग  खेल फील्ड से जुड़े है तो उनको बता दू की अगर उनके कुंडली में मगल जब तक अच्छा नही होगा तब तक अच्छा खिलाडी नही बन सकता है | खेलते है तो बहुत लोग है लेकिन मन नही होता सब का इसलिए  पहले आप अपने कुंडली में मगंल का सही होना जरुरी है | इस फील्ड में सफल होने के लिए माँ  दुर्गा  को सिंदूर , दही , गंगाजल  और शहद मिलाकर  तिलक लगाये | माँ दुर्गा को तिलक लगाकर वही तिलक अपने माथे पर तिलक लगाए |  दूध में बने मिठाई का  प्रसंद चड़ाए  और खीर का भोग लगाये | नवरात्र में  किसी गरीब ब्यक्ति की आर्थिक मदद  गुत्प रूप से जरुर  करे |

 

 कला संगीत और मोडलिंग , फ़िल्म  सेक्टर  में  आप अपना करियर बनाना चाहते है तो   उनको अपने कुंडली में शुक्र और बुध की स्थिति अच्छी करनी पड़ेगी |   उसके बाद  लाल चंदन , कपूर  , गंगाजल  और चावल मिलकर माँ  दुर्गा को तिलक लगाये |  साथही महिलाओ को चाहिए की संदुर का तिलक अपने माथे पर लगा लेना चाहिए |  पुरे दिन नवरात्र में  काली चालीसा या दुर्गा  सप्तशती का पाठ  करना चाहिए |  पुरे नवरात्र एक सुहागन महिला को खीर खिलाए और  हरी चुडिया दान करे  तो आपकी मनोकामना  पूरी होगी |

 


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Chaitra navaratri started on 13 april2021

16:34 0

जानीये नवरात्र का शुभ योग , कलश स्थापना की सबसे सही विधि और शुभ मुहर्त
चेत के नवरात्र को वाशंतिक नवरात्र भी कहते है |
इस बर नवरात्र  13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक  है
रवि योग में किये हुआ कार्य में सूर्य  के प्रभाव से हर अनिष्ट दूर होते है |
इस साल  का राजा मगल है क्यों की जिस साला की शरुआत  जिस ग्रह से होती है वोही उस साला का राजा होता है | तो इस साला की सुरुआत मगल ग्रह से हो रही है तो राजा इस साला का मगल हुआ है |
कुछ लोगो में बुध को राज मन है जो की न्याय सांगत नही है |
काल से यही मगल को ही होगा चेत्रिये  नवरात्र सुरु होगा और कलस स्थापना भी काल ही होगा  |


कलश पर नारियल का मुह कलश के अन्दर की तरफ नही रखा चाहिए येसा करने से आपके बिरोधी परेगे  कलश पर नारियल का मुह ऊपर की ओर करके करने से बिमारिय बढती है | कलश पर  नारीयल का मुह पूर्ब दिशा की ओर कर के रखने से धन लाभ होगा |
कलश पर नारियल का मुह अपनी तरफ रखकर नवरात्र की पूजा करनी चाहिए | कलश पर एक चुंदरी लपेट कर के  उसके बाद कलश पर स्थापित करे | अगर सावास्थिक का निसान नारियल पर बना सके हो आपके लिए उतम होगा |  सवास्तिक केसर और रोरी (में हल्दी मिला सकते साथ  ) को मिल कर के बनाये |

जेत नवरात्र पर किस राशी वालो को किस माँ की पूजा करना चाहिए ?


मेष राशी वालो को  नवरात्र में बिसेष कर अश्कंद्माता की पूजा करनी चाहिए केले का भोग लगाये | आप नवरात्र में हर रोज गाय की पूजा करे और घास खिलाये | दुर्गा चालीसा या दूर सटी का पट करने से आपको लाभ मिलेगा | नौकरी के  रुकवाते दूर होगी | दुश्मनो पर भी बिजय मिलेगा |

वृषभ राशी  वाले नवरात्र में  मा महागुरी की पूजा जरुर  करे  और नारियल का प्रसाद चड़ाए, ललिता सहरम का पट करे  और  2 से 10 के बीच की कन्याओ को खीर खिलाये |

मिथुन राशी के लोगो नवरात्र में माँ  ब्रहाचारिणी की पूजा करे |  घर में देवी यन्त्र स्थापित करके तारा कवच का पाठ पुरे नवरात्र करे | कसे के कटोरे में चीजी का प्रसंद रखा करके चराये |  गये को हरे मग खिलाये  और  किन्नरों को सुपारी दान दे | सभालाता , धन लाभ , करिबर में वृधी होगी इसने कोई संसय होगी

कर्क राशी वालो को नवरात्र में  माँ  शेलापुत्री की पूजा काल से 9 दिनों तक करनी चाहिए |  माँ के चरणों में गाय  का शुध घी अर्पित करना चाहिए |  दुर्गा मदिर में कच्चा दूध चढ़ाकर किसी जरूरतमंद को कासे के कटोरे ने दान करे |  सफेद मिठाई का दान भी आपके लिए लाभ करी होगा | पुरे नवरात्र लझमी माँ की पूजा करे |

सिह राशी वालो को  नवरात्र में माँ  कुष्मांडा की पूजा करेगे तो बिशेष फल प्राप्त होगा |  साथी ही माँ को माल पुआ का भोग लगाये | पूजा करते समाये माँ दुर्गे का मात्रो का जप करे |   गुलाब और मोगरे का इत्र चड़ाए |  धन सपदा , सोभाग्य की प्राप्ति जरुर होगी |  

कन्या राशी  वालो को  माँ ब्रहचावारिणी की पूजा करे और सक्कर का भोग लगाये | पुरे नवरात्र ऊ दु दुर्गायै नम मन्त्र का जप करे | हर रोज अपने अपने घर में गंगा जल का झिरकाओ करे येसा करने से  आपके कारोबार में सभलता मिलेगी |   

तुला राशी  वालो को  माँ  महागोरी का पूजा करे और नारियल का प्रसाद  चड़ाए और हर दिन किसी  सुहागन  महिला को हरी चुरिया दान के  तो आप पर लक्झ्मी  प्रसंद होगी और दरिर्द्ता का नाश होगा |

वृश्चिक राशी वालो को स्कन्द माता (स्वामी रार्तिके की माँ ) की  पूजा करना चाहिए | और केले का भोग लगाये साथही  दुर्गा सप्तशती का पट करना चाहिए इससे आपको बिशेस   लाभ मिलेगा | हर रोज लाल चन्दन का तिलक लगा कर  घर ले निकले | हर रोज खीर बाटे कन्याओ को |

धनु राशी  वालो को माँ चंद्रघंटा की पूजा करे | दूध , धुध से बनी मिठाई का भोग लगाये |  या  माँ दुर्गे के मंत्रो का जब करते हुआ नवमी पर हवन करे |  हर रोज पीपल कर कच्चा दूध और जल मिलकर के चड़ाए|  येसा करने से सुंदर और परकर्म बढेगा |  

मकर राशी  वालो को माँ  कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए | और  गुड़ का भोग लगाये |  हर रोज पूजा करते सनये  दुर्गा चालीस का पाठ जरुर करे | और पुरे नवरात्र गाय की सेवा करे | शांतका सुख मिलेगा आपकी  तरकी होगी |  

कुभ राशी  वालो चाहिए की इस नवरात्र में  माँ कालरात्रि की पूजा करे  | रात्रि सूत्र का पाठ करे और गुड़का और कलि मिर्च का प् भोग लगाये |   पुरे नवरात्र कपूर से माँ दुर्गा की आरती करे |  किसी गरीब व्यक्ति की आर्थिक मदद करे |  दुर्गा कवच क पाठ करे इससे सत्रु का नाश होगा |

मीन राशी  वालो को माँ चंद्रघंटा की पूजा करे | और खीर का भोग लगाये | पुरे नवरात्र में पीले चंदन का तिलक लगाकर ही कर से निकले | और ब्राहणओ को कुछ दान करे | ऐसा करने से  सोदर्य, पराक्रम बढेगा , गृहस्थ सुख मिलेगा |



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Holi || होली के दिन किसकी करे पूजा किस रंग से खेले होली

13:06 0
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07 मार्च 2023 को होली है 

होली के दिन क्या करने से आपको लाभ होगा । 

जो लोग कारोबार करते है और उनको लगातार घाटा हो रहा है, अपने भी मुह भेर रहे है तो होली वाले दिन अपने घर में 60 या 100ग्राम के चादी का हाथी बना कर के अपने ड्राइंग रूम में जरुर लगाइए | दुकान और कारोबार में भयदा नही हो रहा है तो होली पर इकाझी नारियल अगर आपको मिल जाये तो उसकी पूजा कर के लाल रंग के कपडे में लपेट कर के स्फटिक के श्रीयन्त्र के साथ अपनी दुकान या फक्ट्री में स्थापित करे दे| कारोबार में लाभ के लिए एक गुलाल के पैकेट में , एक चादी का सिका और एक मोती संक रखकर के लाल रंग के कपडे में लपेट कर के अपनी तिजोरी में रखे ही संदेह आपको लाभा मिलेगा | किसी के घर में बरकत नही हो रही है तो

होली के दिन हनुमान जी के किसी सिध्द प्राचीन मंदिर में जा कर के 7 बतासे , 1 जनेऊ जो हलती से रंगी हुआ हो , और एक बना हुआ पान अर्पित करे | और होली के बाद 3 मंगर लगातार करे |

आप जानते है की शनि देव की जितनी भी ख़राब प्रभाव हो | यदि आप हनुमान की उपासना करते है | तो शनि देव कभी भी आपका अनिष्ट नही कर सकते है | जो लोग

होली के दिन हनुमान की उपासना करेगे उनको शनि कभी भी पीड़ा नही दे सकते |

जो लोग बिदेश जाना चाहते है | विदेश यात्रा आपके लिए जरुरी है | और किसी करण बस आपके विदेश यात्रा में रुकबटे आ रही है |

तो आपको होली के इस पवन त्यौहार कर क्या करना चाहिए | वोह पर आपका आजीवका है तो आपको होली के दिन से हर रोज विष्णु सहसनाम या नारायण कवच के तिन पाठ तिस दिनों तक करे | तो आपकी मनोकाना पूरी होगी |

होली कैसे मनाया जाता है ।

होली के रंगों भरी और उत्साह से भरी भारतीय तिवारी जो भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है होली को मनाने के लिए कुछ खास तैयारी करनी पड़ती है ।
जैसे
रंगों की तैयारी:- होली के रंग आमतौर पर गुलाल और अबीर के रूप में उपयोग किए जाते हैं गुलाल हम तौर पर मैं दें और गेहूं के आटे रंगों और पानी का मिश्रण बनाकर तैयार किया जाता अभी रुको लाल पीला हरा नीला गुलाबी रंगों में बनाया जाता है ।
होली में पिचकारी कहो ना जरूरी माना जाता :- पिचकारी होली का हिस्सा है जिसे पाने से भरा जाता है और फिर उनके लिए तैयार की है जिसका उपयोग करते हैं

विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं । होली के मौके पर भारतीय खाद्य पदार्थों की विविधता देखी जा सकती है मिठाई बनाना होली के दौरान एवं गतिविधियां गुजिया लड्डू बर्फी आद  न मिठाई होली के दौरान उपयोग किए जाते हैं खासकर बिहार राज में होली ।

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