जानीये नवरात्र का शुभ योग , कलश स्थापना की सबसे सही विधि और शुभ मुहर्त
चेत के नवरात्र को वाशंतिक नवरात्र भी कहते है |
इस बर नवरात्र 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक है
रवि योग में किये हुआ कार्य में सूर्य के प्रभाव से हर अनिष्ट दूर होते है |
इस साल का राजा मगल है क्यों की जिस साला की शरुआत जिस ग्रह से होती है वोही उस साला का राजा होता है | तो इस साला की सुरुआत मगल ग्रह से हो रही है तो राजा इस साला का मगल हुआ है |
कुछ लोगो में बुध को राज मन है जो की न्याय सांगत नही है |
काल से यही मगल को ही होगा चेत्रिये नवरात्र सुरु होगा और कलस स्थापना भी काल ही होगा |
कलश पर नारियल का मुह कलश के अन्दर की तरफ नही रखा चाहिए येसा करने से आपके बिरोधी परेगे कलश पर नारियल का मुह ऊपर की ओर करके करने से बिमारिय बढती है | कलश पर नारीयल का मुह पूर्ब दिशा की ओर कर के रखने से धन लाभ होगा |
कलश पर नारियल का मुह अपनी तरफ रखकर नवरात्र की पूजा करनी चाहिए | कलश पर एक चुंदरी लपेट कर के उसके बाद कलश पर स्थापित करे | अगर सावास्थिक का निसान नारियल पर बना सके हो आपके लिए उतम होगा | सवास्तिक केसर और रोरी (में हल्दी मिला सकते साथ ) को मिल कर के बनाये |