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कैसे जानेगे कुंडली में बेहस्पति कमजोर है ।
ग्रहों से जानीये सेहद का हाल
graho se janiye sehad ka haal
graho se janiye sehad ka haal
कुंटली में सूर्य कमजोर होता है तो सिर सम्बंदित परेशानी होती है ।
शासन प्रसासन में भी परेशानी होती है और पिता का भी शुख न मिलता है ।
चद्रमा को मन का कर्क ग्रह माना गया है । आँखों का कारक सूर्य है । मन से सम्बंधित जितने भी रोग है । वो सभी चन्द्रमा से सम्बंधित है । डिप्रेसन की बीमारी हो चाहे नकारत्मक सोचने की बिमरी है । या मन से बीमारी सभी चंद्रमा से सम्बंधित है ।
तो आप समझ ले की आपका चंद्रमा जो है आपके कुंडली में कंजोर है । यैसे लोगो को रातो में नींद काम आती है ।
और साथ ही आतो का बीमारी भी होतु है । आँख में झोट लगने से आँख ख़राब हो सकता है । ये सब चंद्रमा के कारण होता है । दूध , दही , पनीर , अखरोट , सफेद तिल , और सोयाबीन का सेवन करना चाइये है । ये सब खाने के साथ साथ आप माता का आदेशो का पालन करते है आदर करते है तो आपको बहुत लाभ मिलेगा । साथ में भगवान शिव की आरदान की जाये तो ख़राब से ख़राब चंदमा भी सच्चे फल देगा ।
मंगल सहस भाई पराक्रम का कर्क ग्रह है । कुडक़ली ने तीसरे और 6 भाग में है और मंगल कंजोर है तो दुर्घटना का कारन बनाता है । बिजली के बिस्फोटको से नुकसान होता है । 7 और दूसरे भाव का सुआमी है तो मृतु टूल कस्ट होगा । कमजोर मंगल खून संबधित बीमारियों को बढ़ाता है । डिबिटिज और हाई ब्लड प्रेशर का जन्मदाता है ये मंगल । जिस का मंगल कंजोर होता है यैसा आदमी सहस से कंजोर होता है और साथ ही आत्म बिस्वास भी नही होता है उसमें । लाइट बंद होती ही डरने लगता है । देखा जाये तो यैसा आदमी कायर हो जक्ता है । चहरे पर हमेसा निराशा के भवन होते है । ख़राब मंगल की पहचान होती है कि वो आदमी किसी न किसी बात को लेकर हमेसा डरे रहते है ।
कैसे दूर करेगे के मंगल के अशुभ प्रभाव को इसके लिए आपको अनार , गाजर ,मोठी , छुहारा , लाल चुराई , चुकंदर , टमाटर , लौंग , मसूर की दाल , किसमिस , लाल मकखा और बेदाम इन चीजों का सेवन करने से आपका मंगल सुदरेगा
बुद्ध एक प्रकार से बुद्धि का ग्रह है । त्वचा और मित्र का कर्क ग्रह है । कुडंली में चौथे और दशमी भाव में बैठा है तो करक ग्रह माना जाता है । त्वचा सम्बधित , पेट खराब रहता हो , नसे से जुड़ी बिनारिया हो । तो आप समझ लीजिए की आपका मंगल ग्रह ख़राब है । और साथ ही कपकी स्मरन शक्ति कमजोर होती है ।
आपको अपने खाने में मुग की दाल और उसमें हल्का सा हिग्ग और देसी गी और जीरा का छोक लगेगे । आंवला , आंवले कामुराबा , मेथी , मेथी की सब्जी लॉक की सब्जी , पालक , सरसो के साग , गेहू , जौ
, आरी दुर्बा, कच्चा हरा पेठा ये सब जरूर खाय ।
ज्योती की भासा में जीव भी कहते है। जीव शब्द का संबोधन बेहस्पति के लिये आता है । बेहस्पति जीवन और सुख का करक ग्रह है । कुंडली में गुरु दूसरे, पांचवा, नेबे और 11वी शुभ करक ग्रह है । आपके कुंडली में बेहस्पति कमजोर है । या छटे भवन में है तो आपको लिबर की बीमारी से पीड़ित हो सकते है । यैसे को हिपेटाईटीस -बी की बीमारी होने की प्रबल योग बनता है । कमजोर बेहस्पति जोरो में दर्द देता है । आकार आपको बार बार पीलिया जैसी बीमारी हो रही है तो पाक कह सकते है कि आपका बेहस्पति कमजोर है । बेहस्पति के कंजोर होने पर वाणी दोष की भी समस्या होती है । जिससे ब्यक्ति हकलाता है ।
यैसे में बेहस्पती को मजबूत करने के लिए पाक पपीता , मेथी का दाना , शकरकंद , अदरक , चने का दाल , चने का सेतु , काद्धु , संतरा , कच्ची हल्दी , केला , और मक्की का आटा का सेवन करना चाइये । तो आपको बेहस्पति के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलेगी । साथ ही पीपल की 108 भीगी लकड़ी को गई में डूबा कर साथ में बेहस्पति के मंत्रों का जप करते हुए 64 दिनों तक हबन करना चाइये ।
आँख , सुन्दर महिला और बिलासियता का करक ग्रह शक्र है । शुक्र सप्तम भाव का भी करक ग्रह है । शुक्र का सुभ रंग जो है वो सफेद है । कुंडली में शुक्र ख़राब हो तो दांत ख़राब होने लगते है । साथी ही यौन रोग भी देता है । अंगूठे में दर्द होता है । नेत्र रोग होता है । आकार शुक्र और शनि दोनों ख़राब हों गये तो निश्चित ही किडनी और केंसर जैसी बीमारी हो सकती है ।
शुक्र को ठीक करने के लिए भीगे हुआ बेदाम का छिलका उदार कर के 8 बादाम सुबह खाना चाइये । गेहू सफेद , मिर्च , अखरोट , चावल , मिश्री , दही , सिघाड़ा और नारियल का पानी अल्फा अल्फा चोरियो का सेवन जरूर करना चाइये आपको । जिनलोगों का शुक्र ख़राब हो तो दोपर के खाने में दही का सेवन करना चाहिए ।
शनि की बात करते है । अक्सर देखा गया है की शनि का नाम सुनते ही लोगी के दिलो में डर से लगने लगता है ।
शनि कंजोर हो आपके कुंडली में तो कोन सा बूरा प्रभाव पढता है । शनि कुंडली के छः 8बे और 12 बे भाव का करक ग्रह है । शनि को दुःख दाता ग्रह के रूप में माना गया है । ज्योति सास्त्र में । शनि के कारण शारीर में कैल्शियम की कमी होती है ये बात पाकी है । और आपके कुंडली में शनि ख़राब है तो आपके गुण्डली में दर्द बना रहेगा । कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति होने पर या एक दूसरे पर दृस्टि परे तो व्यक्ति निराशावादी
हो सकते है । यैसे आदमी के जहर पर चमक न के बराबर होती है । शनि कुंडली में ख़राब हो तो नसों से सम्बंधित बीमारी है । गैस की समस्या भी आपको होती है ।
शनि को सही करने के लिए काली मिर्च , काले अंगूर , जामुन , कुल्थी की दाल, मुनक्का शहद और कुलकंद का सेवन।करना चाइये । शनि के कारण पथारी की सिखायत हो तो कुल्थी के दाल का सेवन जरूर करना चाइये ।
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ग्रहों से जानीये सेहद का हाल
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